डर से रात के अंधेरे में वापस अपने देश भाग रहे हैं घुसपैठिये

 भारत में दशकों से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये अब NRC के डर से वापस अपने देश लौट रहे हैं। राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) ने यह डर पैदा किया है।



इस वतन वापसी में ऐसे सैकड़ो लोग है जो भारत से वापस बांग्लादेश में घुसने का प्रयास कर रहे थे। जिन्हे बांग्लादेश बार्डर गार्ड्स ने अपनी सीमा पर ही पकड़ा लिया और बांग्लादेश की पुलिस को सौप दिया। जिसके बाद पुलिस इनको हिरासत में रखकर जांच कर रही है। बता दें सीमापार करने में बहुत से लोग बांग्लादेश में प्रवेश करने में कामयाब भी हुए हैं। और यह सिलसिला अभी जारी है।बांग्लादेश इस बात का पूरा ध्यान रख रहा है कि ये लोग वापस उसकी सीमा में न घुस पाएं। इसके लिए बांग्लादेश बार्डर गार्ड्स (बीजीबी) ने बांग्लादेश के सीमावर्ती गांव के लोगों को साथ मिलकर एक सुरक्षा कमेटी भी गठित की है, जो बांग्लादेश में प्रवेश कर रहे लोगों पर नजर रख रही है।


भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ के अधिकारियों का कहना है कि भारत में दशकों से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये अब NRC और CAA के डर से अपने देश चोरी चुपके रात के अंधेरे में जंगल के रास्ते से भाग रहे है।अधिकारियों के मुताबिक, चूंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा के बड़े इलाके में फेंसिंग और बिजली नहीं है और इलाका नदियों और घने जंगलों से घिरा है, ऐसे में चोरी-छिपे कुछ लोग वहां प्रवेश करने में सफल हो जाते हैं। दिलचस्प यह है कि जिन कमजोरियां का लाभ उठाकर घुसपैठिया भारत में प्रवेश कर जाते थे, अब उसी राह वापस भाग रहे हैं।


बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक अधिकारी के अनुसार, इनमें ज्यादातर लोग मजदूर आदि हैं, जो गरीबी के कारण काम-धंधे के लिए यहां अवैध रूप से रह रहे थे।बांग्लादेशी बॉर्डर गॉ‌र्ड्स ने पिछले महीने करीब 300 लोगों को महेशपुर उप जिला से पकड़कर पुलिस को सौंपा था। सीमा के करीब रहने वाले ग्रामीणों का दावा है कि बड़ी संख्या में लोग भारत से बांग्लादेश को भाग रहे हैं।


इनका दावा है कि 300 से 400 लोग रोजाना भारत से बांग्लादेश में प्रवेश कर रहे है। इधर, बांग्लादेश ने पश्चिमी जिलों से लगने वाली सीमा पर सुरक्षा भी बढ़ा दी है।भारत से बांग्लादेश में घुसने का प्रयास करते हुए पकड़े जा रहे लोगों को लेकर वहां की पुलिस का कहना है कि इनमें से अधिकांश खुद को बांग्लादेशी बता रहे हैं जो काम के सिलसिले में लंबे समय से भारत में रह रहे थे।